यहां हम आपको बताएंगे कि एफिलिएट मार्केटिंग क्या है, और हम सीखेंगे कि एफिलिएट बिजनेस कैसे शुरू करें।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पूर्ण रूप से बिगिनर हो या स्वयं-सीखे हुए गुरु!, हम आपको अपना ऑनलाइन मार्केटिंग व्यवसाय बनाने में मदद कर सकते हैं।
यदि आपको ये सामग्री सहायक लगती है, तो इसे अपने दोस्तों और प्रियजनों के साथ साझा करना न भूलें। 👉
एफिलिएट मार्केटिंग क्या है?
‘एफिलिएट मार्केटिंग’ – व्यापार करने का एक सिस्टम।
वैसे तो मार्किट में जो कुछ बिकता हे उसके लिए एक डिस्ट्रीब्यूशन चैन बनी हुइ होती हे। फॅक्टरी के मालिक अपना प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर को बेचते है, डिस्ट्रीब्यूटर व्होसलेर को, व्होसलेर रिटेलर को और फिर रिटेलर से प्रोडक्ट कंस्यूमर खरीदता है| इस चैन की हरएक कड़ी अपनी खरीद कीमत के उपरांत इसमें अपना ऑपरेशनल खर्च और अपना मुनाफा जोड़ते है|
आप समझ ही गये होंगे की जिस प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग कीमत से लगभग दो से ढ़ाई गुना या उससे भी कहीं अधिक कीमत कंस्यूमर को क्यों देनी पड़ती है !
जैसे जैसे इंटरनेट का इस्तेमाल लोगोके जीवन में बढ़ता गया, लोगो के बिज़नेस करने के सिस्टम में भी बदलाव होने लगे| इंटरनेट के और यह सिस्टम के माध्यम से Business Houses अपने मार्केटिंग खर्च में काफी बचत कर पा रहे हैं|
ये जो नयी सिस्टम को मान्यता और उसका स्वीकार हुआ उसीको affiliate marketing कहते है |
एफिलिएट मार्केटिंग कैसे काम करता है ?
एफिलिएट मार्केटिंग कैसे काम करता है उसको समझ ने के लिए निचे दी गयी इमेज को ध्यान से देखें| पूरा सिस्टम दस स्टेप में समझाया गया है| हम हर एक स्टेप को एक एक कर के समझेंगे|
इस प्रणाली में मुख्य रूप से तीन प्रतिभागी शामिल होते हैं| वह है एफिलिएट, मर्चंट और ग्राहक|
कोई भी व्यक्ति जो कम से कम लागत से अपना खूद का business शुरू करना चाहता है तो वह एफिलिएट बन सकता है| यह चार्ट में उसे Affiliate नाम से दिखाया गया है |
जो भी कोई बिजनेस हाउस या विक्रेता या सर्विस प्रोवाइडर अपनी प्रोडक्ट्स या सर्विस इस सिस्टम की सहायता से बेचना चाहता है, यहाँ Marchant नाम से दिखाया गया है |
और जो भी कोई व्यक्ति जाने अनजाने इस सिस्टम से जुड़े हुए मर्चेंट की वेब साइट से सर्विस या प्रोडक्ट खरीदता है, वह हे ग्राहक| यहाँ इसे ग्राहक (Josh) नाम से दिखाया गया है|
एफिलिएट मार्केटिंग कैसे काम करता है?
एफिलिएट नेटवर्क से कैसे जुड़ें? चरण १ और २
१. कोई भी व्यक्ति जो यह एफिलिएट बिजनेस करना चाहता है, वह मर्चंट की बनाई हुई affiliate सिस्टम से या मर्चेंट जिस एफिलिएट नेटवर्क का मेम्बर है उसके साथ ऑनलाइन आवेदन करके जुड़ सकता है |
इस आवेदन की विश्वनीयता मर्चेंट या मर्चेंट नेटवर्क प्रमाणित करते है और एफिलिएट को अपना डैशबोर्ड use करने के लिए लॉगिन ID और पासवर्ड तथा प्रमोशन मटेरियल उपलब्ध कराते हैं |
कई एफिलिएट नेटवर्क ऐसे भी है जो सिर्फ आपका नाम और ईमेल एड्रेस लेकर तुरंतही आपको मेम्बर बना देते है | जब एफिलिएट नेटवर्क आपका आवेदन स्वीकार करलेता है तब आप Affiliate कहलाते हो |
२. यह डैशबोर्ड से एफिलिएट, मर्चेंट की जो भी प्रोडक्ट प्रमोट करना चाहता हे उसकी लिंक बना सकता हे, प्रोडक्ट्स के बैनर्स या images के लिंक्स भी ले सकता है, और फिर उस मर्चेंट के प्रोडक्ट्स को या तो अपनी वेबसाइट, ब्लॉग या सोशियल मीडिया पर आर्टिकल या रिव्यु लिखकर प्रमोट करता है जिस में उसकी लिंक भी एम्बेडेड होती हे | यह लिंक हर एक एफिलिएट मेंबर के लिए अनोखी (यूनिक) होती है |
अब एफिलिएट अपना ये आर्टिकल या रिव्यु ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़े उस के लिए प्रवृत होता हे |
विज़िट टू एफिलिएट वेबसाइट चरण ३ और ४
३. एफिलिएट अपनी वेबसाइट पे ज्यादा से ज्यादा लोग विजिट करे और मर्चेंट की प्रोडक्ट के बारे में जाने, उसके लिए गूगल एड्स, फेसबुक एड्स, ईमेल मार्केटिंग, सोशल मीडिया पोस्टिंग, ऐसे अनेक उपायों का इस्तेमाल करता है |
➡️ कस्टमर (Josh) एफीलिएट की साइट पर जाता है |
४. जब कोई व्यक्ति एफिलिएट की वेबसाइट पर आ कर रिव्यु, पोस्ट या कोई प्रमोशनल मटेरियल की लिंक पर क्लिक करता है तो वह लिंक उस विज़िटर को मर्चेंट की वेबसाइट पर ले जाती है |
➡️ कस्टमर (Josh) एफीलिएट की लिंक पर क्लिक करता है और मर्चेंट की वेबसाइट पर जाता है |
मर्चेंट ने अपनी वेबसाइट पर अपनी प्रोडक्ट और सर्विसेज के बारे में विस्तार से विवरण किया हुआ होता है, बहुत बारीकी से सब खुबिया समझाई होती है ताकी ग्राहक ऑनलाइन खरीदारी करने के लिए मन बना ले |
एफिलिएट कूकीज क्या है? चरण ५ और ६
५. जब कोई कस्टमर अपने कम्प्यूटर से एफिलिएट की वेबसाइट विजिट करता है, और एफिलिएट लिंक पर क्लिक करता है, उसी समय एक छोटी सी टेक्स्ट फाइल बनती है जिसे एफिलिएट ट्रैकिंग लिंक कहते है वह विजिटर के ब्राउज़र पे एक सुनिश्चित समयावधि के लिये संग्रहीत हो जाती है, और वह मर्चेंट की वेबसाइट पे पहुँचता है | यह समयावधि मर्चेंट नेटवर्क तय करता है, कोई २४ घंटे या तीस दिन या उससे भी अधिक महीनो के लिए भी रख सकता है |
यही छोटी सी फाइल को कुकी कहते है |
और यही कुकी, असल में, एफिलिएट नेटवर्क को यह सुनिश्चित करने की क्षमता देता है कि यह ग्राहक किस एफिलिएट ने भेजा है |
मैं वेबसाइट कैसे बनाऊ?
मैं एफिलिएट मार्केटिंग कैसे शुरू करूं?
गूगल एड्स कैसे करे?
ईमेल मार्केटिंग क्या है?
६. यह आवश्यक नहीं है कि ग्राहक को उसी समय खरीदना चाहिए, कभी-कभी ग्राहक उत्पाद की जानकारी लेता है और वेबसाइट छोड़ देता है, और फिर थोड़े समय या कुछ दिनों बाद फिर से व्यापारी की वेब साइट पर आता है और उत्पाद या सेवा खरीदता है।
🚦 यहां, एक सहयोगी (एफिलिएट) के रूप में, आपको सीखना चाहिए कि ट्रैकिंग टूल, एसईओ, Google टैग और बहुत कुछ कैसे एकीकृत करें …
एफिलिएट नेटवर्क में चेकआउट प्रक्रिया: चरण ७ और ८
७. जब भी कोई ग्राहक(Customer), व्यापारी(Merchant) की वेब साइट पर खरीदारी करता है, और भुगतान की चेकआउट प्रक्रिया पूरी करता है, उसी समय मर्चेंट का नेटवर्क ग्राहक का ब्राउज़र चेक करता है और देखता है कि ग्राहकको किस एफिलिएट(Affiliate) ने भेजा है, एफिलिएट की आईडी और समयावधि वैलिड है के नहीं ?
८. जब मर्चेंट को ग्राहक के ब्राउज़र से एफिलिएट कुकी द्वारा यह जानकारी प्राप्त होती हे तो वह अपने अकाउंट सॉफ्टवेयर में ये डाटा लोग कर देता है | जिस में एफिलिएट की डिटेल्स, लिंक की डिटेल्स, समय, ब्राउज़र की डिटेल्स तदोपरांत परचेस आर्डर की डिटेल्स, उसकी वैल्यू और एफिलिएट का एग्रीमेंट के हिसाबसे कितना कमीशन बनता है यह सब शामिल होता है |
आपको भुगतान कैसे किया जाता है? : चरण ९ और १०
९. मर्चेंट नेटवर्क LOG किये गए डाटा के आधार पर हरएक एफ्लीएट के लिए रिपोर्ट बनाता है | यह रिपोर्ट हरएक एफिलिएट के अपने अपने डेशबोर्ड पर उपलब्ध कराता है | यहाँ पर एफिलिएट को पता चलता है की उसकी कौनसी लिँक या वेबपेज, कितना ट्राफिक मर्चेंट की वेबसाइट पर भेजता है और उस ट्रफिकमैसे कितना ग्राहक में तब्दील होता है और उस ट्रांसेक्शन से उसको कितना कमीशन क्रेडिट मिलता है |
१०. हर एक मर्चेंट नेटवर्क का पे आउट का schedule पहेलेसे ही तय रहता है| ज़्यादातर मर्चेंट नेटवर्क ट्रांसेक्शन होते ही एफिलिएट के डेशबोर्ड पर कमीशन तो दिखा देते है, पर वह amount, ३० दिन के लिए अपने पास ही रखते है ताकि अगर ग्राहक ३० दिन की मनी बेक गॅरंटी के तहत उसने खरीदी हुई चीज़ वापस करता हे तो उसका कमीशन एफिलिएट के अकाउंट से वापस ले शके| और अगर ग्राहक अपनी खरीदारी से संतुष्ट हे और चीज़ अपने पास ही रखता है तो फिर मर्चेंट नेटवर्क अगले महीने के पेआउट डेट पर एफिलिएट के अकाउंट में कमीशन के पैसे डिपाजिट करदेता है|
इस तरह एफिलिएट यानि की आप, एफिलिएट मार्केटिंग से पैसा कमा सकते है| 💰💰💰